
बात अपने शहर की* *स्मार्ट सिटी में निचले स्तर पर तैनात कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त, बड़े स्तर पर पदोन्नति*
आंखों कl तारा
बात अपने शहर की*
*स्मार्ट सिटी में निचले स्तर पर तैनात कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त, बड़े स्तर पर पदोन्नति
सहारनपुर। केंद्र एवं राज्य सरकार महत्वाकांक्षी योजना स्मार्ट सिटी मिशन के अंतर्गत सहारनपुर नगर को स्मार्ट बनने का कार्य प्रगति पर है। जहां एक और स्मार्ट सिटी द्वारा कराया गए कार्यों की जनप्रतिनिधि तथा आम जनता द्वारा बेहद निंदा की गई है वही स्मार्ट सिटी अधिकारियों को उक्त कार्यों के सापेक्ष पदोन्नति किया जा रहा है।
*सूत्रों के हवाले से*
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सहारनपुर स्मार्ट सिटी में निचले स्तर के कुछ कर्मचारियों की सेवाएं अचानक समाप्त कर दी गई है। वहीं दूसरी और गत कुछ दिवसों पूर्व स्मार्ट सिटी नगर निगम की बोर्ड बैठक में उच्च पद पर तैनात उप महाप्रबंधक प्रोजेक्ट दिनेश सिंघल को महाप्रबंधक के पद पर पदोन्नत करने का निर्णय बोर्ड द्वारा लिया गया है। जहां एक और मंडल आयुक्त द्वारा बोर्ड बैठक के दौरान धीमी गति पर नाराजगी व्यक्त करते हुए संस्थाओं के वेतन रोकने के निर्देश दे दिए गए वही दूसरी और तकनीकी स्तर पर पर्यवेक्षण करने वाले स्मार्ट सिटी के अधिकारियों को पदोन्नति किया जाना बेहद महत्वपूर्ण प्रश्न है।
*बेहद महत्वपूर्ण विचारणीय तथ्य*
यदि स्मार्ट सिटी की अधिकतर परियोजनाएं पूर्ण हो चुकी है तो इतने बड़े पद पर आगामी कुछ माह के लिए पदोन्नति करने की क्या आवश्यकता है? वहीं प्रश्न यह भी है कि यदि बड़े पदों पर बैठे हुए अधिकारियों की पदोन्नति की जा सकती है तो निचले स्तर पर कार्यरत कर्मचारियों की अचानक सेवाएं क्यों समाप्त कर दी गई?
सूत्रों से मिले जानकारी के अनुसार स्मार्ट सिटी कार्यालय में शहरी आजीविका केंद्र के माध्यम से भी कार्मिकों की भर्ती की गई। गत माह पूर्व महापौर डॉ अजय कुमार द्वारा शहरी आजीविका केंद्र का निरीक्षण किया गया जिसमें अनियमितए पाई गई।
*कर्मचारियों की भर्ती में नियमितताएं*
गत वर्ष स्मार्ट सिटी कार्यालय में विभिन्न पदों हेतु आवेदन आमंत्रित किए गए थे जिसमें आरटीआई के माध्यम से प्राप्त जानकारी के अनुसार समस्त आवेदनों को निरस्त करते हुए पूर्व से ही स्मार्ट सिटी कार्यालय में कार्यरत कर्मचारी को पदोन्नत किया गया तथा नियमों के विपरीत वेतन वृद्धि की गई। एक आरटीआई में उपलब्ध कराई गई सूचना के अनुसार सहारनपुर स्मार्ट सिटी कार्यालय में कार्यरत कर्मचारियों को महीने मे औसत 15 लख रुपए का वेतन दिया जाता है इसके अतिरिक्त कार्यालय के कुछ कर्मचारियों को गाड़ियां तथा चालकों की सुविधा भी उपलब्ध कराई जा रही है।
*1000 करोड रुपए के राजस्व की जिम्मेदारी कितने कुशल हाथों में है, जांच का विषय*
वैसे तो मंडल आयुक्त द्वारा समय-समय पर समीक्षा बैठक कर स्मार्ट सिटी परियोजनाओं कि समीक्षा की जाती है परंतु तकनीकी एवं वित्तीय स्तर पर कार्यालय में कितने कुशल कर्मचारी कार्यरत है, यह जांच का विषय है।
*नियमित सरकारी कर्मचारी से कई गुना वेतन आहरित कर रहे हैं स्मार्ट सिटी के कर्मचारी। कुशलता अनुभव, दक्षता एवं प्रपत्रों की जांच अपेक्षित*
जहां एक चतुर्थ श्रेणी की नौकरी के लिए एक अभ्यर्थी को दिन-रात मेहनत करनी पड़ती है जब एक नौकरी हासिल की जाती है। वहीं दूसरी और स्मार्ट सिटी में कार्यरत कर्मचारी नियमित सरकारी कर्मचारियों की अपेक्षा कई गुना वेतन आहरित कर रहे हैं इसके अतिरिक्त अन्य लाभ भी सरकारी राजस्व के माध्यम से उपलब्ध कराए जा रहे हैं। जानकारी के अनुसार कंपनी में कार्यरत कार्यालय स्तर पद की श्रेणी के कर्मचारी को आने-जाने के लिए गाड़ियों तथा गाड़ी चालक की सुविधा तक उपलब्ध कराई जा रही है। कई कर्मचारियों के वेतन में कंपनी के पॉलिसी के विपरीत वृद्धि की गई है। जहां सरकारी नियमित कर्मचारी को सरकार की ओर से साल में 3 या 4 प्रतिशत ही वेतन वृद्धि दी जाती है वही स्मार्ट सिटी में कार्यरत कर्मचारियों को 50% तक की वृद्धि दी गई है।
*सरकारी कार्यालय के परिक्षेत्र में बैठकर सुविधाओं के मामले में नियमित कर्मचारियों को मात देते स्मार्ट सिटी के कर्मचारी*
जहां एक और नियमित सरकारी निगम के कर्मचारी पुराने जर्जर भवन में बैठकर अपने कर्तव्य का निर्वहन कर रहे हैं वही स्मार्ट सिटी में कार्यरत निजी कांट्रेक्चुअल कर्मचारी लग्जरी वातानुकुलित कमरों में बैठकर कई गुना वेतन लेकर नियमित कर्मचारियों को मात देते दिखाई दे रहे हैं। बावजूद इसके नगर में स्मार्ट सिटी के कार्यों से ना ही जनप्रतिनिधि खुश है और ना ही जनता।
*देश के प्रसिद्ध अखबार अमर उजाला ने निरंतर प्रकाशित की खबरें*
कुछ सप्ताह पूर्व प्रसिद्ध राष्ट्रीय दैनिक हिंदी समाचार पत्र अमर उजाला ने अमर उजाला अभियान के अंतर्गत सहारनपुर स्मार्ट सिटी के संबंध में निरंतर खबरें प्रकाशित की जिसमें समाचार पत्र द्वारा नगर में निर्माणधीन परियोजनाओं में बरती गई गई अनियमिताओं तथा आम जनमानस को होने वाली असुविधा का उल्लेख किया था जिसमें प्रमुखत: बारिश के कारण धसी हुई सड़के, अचानक खोदे गए रोड,आधी अधूरी परियोजनाएं सम्मिलित है।
*नगर विधायक राजीव गुंबर द्वारा भी विधानसभा में सहारनपुर स्मार्ट सिटी योजना अंतर्गत बने बैडमिंटन हॉल की गुणवत्ता पर सवाल उठाए गए थे जिसके फलस्वरुप सरकार द्वारा नामित नोडल अधिकारी द्वारा भौतिक रूप से नगर में संचालित स्मार्ट सिटी परियोजनाओं का निरीक्षण किया गया।*
*मार्च 2025 तक का लक्ष्य निर्धारित*
केंद्र सरकार द्वारा स्मार्ट सिटी परियोजनाओं को पूर्ण करने का लक्ष्य मार्च 2025 का निर्धारित किया गया है। अब देखना यह है कि क्या निर्धारित समय अवधि में परियोजनाओं को कितनी गुणवत्तापूर्वक पूर्ण किया जाता है?
रिपोर्ट अब्दुल्ला अंसारी